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10 महीने फ्रिज में रही पिंकी; बिजली गुल होने पर खुला राज…?

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मध्य प्रदेश के दमोह में दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई है, जो दिल्ली के श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड की याद दिलाती है। इस मामले में, एक युवक ने अपनी लिव-इन पार्टनर की हत्या कर दी और लाश को फ्रिज में छिपाकर भाग गया। इस हत्या का खुलासा तब हुआ जब कमरे में तेज दुर्गंध आने लगी और पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी।

घटना का पृष्ठभूमि

दमोह शहर में संजय पाटीदार नाम का युवक पिछले पांच सालों से अपनी प्रेमिका पिंकी उर्फ प्रतिभा प्रजापति के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा था। दोनों पहले उज्जैन में रहते थे और बाद में देवास में एक किराए के मकान में शिफ्ट हो गए थे। प्रतिभा ने जनवरी 2024 से संजय पर शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इसी तनाव ने इस खौफनाक अपराध को जन्म दिया।

हत्या की साजिश

संजय ने अपने पुराने दोस्त विनोद दवे के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई। पुलिस के अनुसार, मार्च 2024 में उसने प्रतिभा की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने शव को एक बड़े फ्रिज में छिपा दिया, फ्रिज को कपड़े से ढक दिया और कमरे में ताला लगाकर भाग गया। इस दौरान संजय ने पड़ोसियों से कहा कि पिंकी अपने मायके गई है, जिससे किसी को शक न हो।

हत्या का खुलासा

हत्या का खुलासा तब हुआ जब कमरे से दुर्गंध आने लगी और पड़ोसियों ने मकान मालिक धीरेंद्र श्रीवास्तव को इसकी सूचना दी। धीरेंद्र ने पुलिस को बुलाया, जिन्होंने कमरे का दरवाजा तोड़कर फ्रिज के अंदर शव बरामद किया। शव पूरी तरह से सड़ चुका था और काला पड़ गया था।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एक टीम बनाई। एएसपी जयवीर भदौरिया के नेतृत्व में पुलिस ने उज्जैन में छापा मारकर संजय पाटीदार को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान संजय ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और हत्या की पूरी कहानी बताई। उसने कहा कि वह शादी के दबाव से परेशान था और इसी कारण उसने यह कदम उठाया।

साथी अपराधी का इतिहास

संजय का साथी विनोद दवे भी एक अपराधी है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, विनोद राजस्थान के टोंक जिले में एक आपराधिक मामले में पहले से जेल में बंद है। पुलिस अब विनोद से पूछताछ करके यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसकी भूमिका इस हत्या में कितनी सक्रिय थी।

किराए के मकान की स्थिति

पुलिस के मुताबिक, संजय ने जुलाई 2023 में दमोह में मकान किराए पर लिया था। मकान मालिक का कहना है कि संजय ने जून 2024 में मकान खाली कर दिया था लेकिन एक कमरे में सामान छोड़ दिया था। उसने कई बार किराए की मांग की, लेकिन संजय हर बार बहाने बनाता रहा।

फ्रिज में शव का संरक्षण

इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शव 10 महीनों तक फ्रिज में रहा और किसी को शक नहीं हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि इतने लंबे समय तक शव को छिपाना एक असामान्य घटना है। फ्रिज में रखने से शव की सड़न धीमी हो जाती है, लेकिन पूरी तरह नहीं रुकती। इस मामले में शव का पूरी तरह से काला पड़ जाना इस बात का प्रमाण है कि शव कई महीनों तक फ्रिज में था।

श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड से समानता

यह घटना 2022 के श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड की याद दिलाती है। उस मामले में आफताब पूनावाला ने अपनी प्रेमिका की हत्या कर दी थी और शव के टुकड़े करके फ्रिज में रखा था। दमोह का मामला उसी तरह की क्रूरता और मानसिक विकृति को दर्शाता है।

समाज पर असर

ऐसे मामलों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह घटना लिव-इन रिलेशनशिप्स और उनमें बढ़ते तनाव को लेकर कई सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे रिश्तों में संवाद की कमी और असुरक्षा की भावना अपराधों को बढ़ावा देती है।

कानूनी प्रक्रिया

पुलिस ने संजय को रिमांड पर लिया है और उससे गहन पूछताछ की जा रही है। विनोद दवे से भी पूछताछ होगी ताकि मामले के हर पहलू को समझा जा सके। आरोपियों के खिलाफ हत्या और षड्यंत्र रचने के आरोप लगाए गए हैं। यदि आरोप साबित होते हैं, तो उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिल सकती है।

जांच के अन्य पहलू

पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस मामले में और लोग भी शामिल थे। संजय के दोस्तों और परिवार से पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि क्या प्रतिभा की हत्या से पहले उसे किसी और तरीके से प्रताड़ित किया गया था।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का महत्व

इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण होगी। रिपोर्ट से पता चलेगा कि प्रतिभा की मौत कब और कैसे हुई। इससे पुलिस को जांच में और मदद मिलेगी।

समाज के लिए सबक

इस तरह की घटनाएं समाज में रिश्तों की जटिलताओं और उनमें बढ़ती हिंसा को उजागर करती हैं। यह घटना एक चेतावनी है कि रिश्तों में संवाद और समझ का होना कितना जरूरी है। कानून विशेषज्ञों का कहना है कि लिव-इन रिलेशनशिप्स के लिए सख्त कानून और जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

दमोह का यह मामला न केवल एक नृशंस हत्या का उदाहरण है बल्कि यह भी दर्शाता है कि सामाजिक और व्यक्तिगत तनाव किस हद तक बढ़ सकता है। पुलिस इस मामले की पूरी गहराई से जांच कर रही है ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और दोषियों को कड़ी सजा दी जा सके। समाज के लिए यह घटना एक सबक है कि रिश्तों में ईमानदारी, संवाद और सम्मान का महत्व कितना अधिक है।

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