सीएम योगी ने SGPGI के 41वें स्थापना दिवस पर की डॉक्टरों की भूमिका की सराहना, अंगदान और स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी लाने पर दिया जोर
लखनऊ में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) के 41वें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने डॉक्टरों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में लोगों का डॉक्टरों पर नेताओं से अधिक भरोसा है।
अंगदान के प्रति जागरूकता पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने अंगदान को लेकर एक भावुक अपील की। उन्होंने कहा कि यदि कोई दुर्घटनाग्रस्त मरीज ब्रेन डेड हो चुका है, तो उसके अंग दूसरों की जिंदगी बचाने में काम आ सकते हैं। डॉक्टरों को ऐसे मामलों में मरीजों के परिजनों को जागरूक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों पर मरीजों और उनके परिवारों का भरोसा नेताओं की अपेक्षा कहीं अधिक होता है, और इस विश्वास का उपयोग सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए।
2047 में भारत को बनाना है कुशल देश
मुख्यमंत्री ने 2047 में आजादी के 100 वर्ष पूरे होने का जिक्र करते हुए कहा कि हमें भारत को एक कुशल और समर्थ देश के रूप में देखना होगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को अग्रणी बनाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।
स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी और सुधार की जरूरत
योगी आदित्यनाथ ने SGPGI में सर्जरी के लिए लंबी प्रतीक्षा अवधि पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि मरीजों को जल्द से जल्द सर्जरी की सुविधा दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि SGPGI देश का पहला चिकित्सा संस्थान है, जिसे 500 करोड़ रुपये की धनराशि मिली है। अब यहां स्वास्थ्य सेवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक से जोड़ा जाएगा।
कोरोना काल में SGPGI की भूमिका
मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी के दौरान SGPGI की भूमिका की सराहना की। उन्होंने बताया कि महामारी के प्रारंभ में प्रदेश के 36 जिलों में ICU बेड की सुविधा नहीं थी। SGPGI के निदेशक के सुझाव पर वर्चुअल ICU प्रारंभ किए गए, जिससे प्रदेश के 75 जिलों में हजारों लोगों की जान बचाई जा सकी।
डॉक्टरों की कार्यक्षमता तीन गुना बढ़ाने की अपील
सीएम योगी ने डॉक्टरों से अपील की कि वे अपनी कार्यक्षमता तीन गुना बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर एक दिन में 10 मरीज देखते हैं, तो इसे 30 तक ले जाने का प्रयास करें। इससे न केवल उनके अनुभव में वृद्धि होगी, बल्कि अधिक मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।
SGPGI में सुविधाओं का विस्तार
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में SGPGI में सालाना 1.25 लाख मरीज आते हैं, जिसे बढ़ाकर 5 लाख किया जा सकता है। भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 48 हजार से बढ़ाकर 1.5 लाख तक की जा सकती है। किडनी ट्रांसप्लांट की संख्या को भी 150 से बढ़ाकर 500 तक करने का लक्ष्य रखा गया है।
मेडिकल शिक्षा में ऐतिहासिक प्रगति
योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में हो रही प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 1947 से 2017 तक 70 साल में केवल 12 मेडिकल कॉलेज खोले गए, जबकि वर्तमान सरकार ने एक साल में ही 18 मेडिकल कॉलेज स्थापित किए। प्रदेश के 65 जिलों में मेडिकल कॉलेज, डायलिसिस सेंटर, और ब्लड बैंक सेपरेटर यूनिट जैसी सुविधाएं स्थापित की गई हैं।
रविवार को स्वास्थ्य विभाग की नई पहल
सीएम योगी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर अब हर रविवार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर मरीजों को स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे। उन्होंने इसे प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम बताया।
योगी ने डॉक्टरों और संस्थान को सराहा
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने SGPGI और यहां के डॉक्टरों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संस्थान न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे उत्तर भारत में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा का मानक तय करता है। उन्होंने डॉक्टरों को और अधिक समर्पण और उत्साह के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी उपस्थित थे।
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