आजमगढ़ में एक बड़ा हादसा हुआ जब एक स्कूली वैन बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी, और वह बेकाबू होकर पलट गई। इस हादसे में छह बच्चे घायल हो गए। यह वैन शिवम स्कूल की बताई जा रही है, और हादसे के तुरंत बाद चीख पुकार मच गई। आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और उनकी मदद से गाड़ी को सीधा किया गया। घायल बच्चों को गाड़ी से बाहर निकाल लिया गया और उन्हें तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
इस घटना के बाद बच्चों के परिजन भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन भी मौके पर पहुंचे। एसएसपी ट्रैफिक विवेक त्रिपाठी ने कहा कि जिले में कई स्कूल हैं जो मानक के विपरीत गाड़ियों से बच्चों को लाते-ले जाते हैं। इस प्रकार की घटनाओं के बाद कई बार शिकायतें भी दर्ज की गई हैं, लेकिन प्रशासन ने पहले भी इन स्कूलों को निर्देश दिए थे कि वे बच्चों को सुरक्षित तरीके से स्कूल ले जाएं। बावजूद इसके स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। एसएसपी ने यह भी बताया कि इस मामले में कार्रवाई करने के लिए अभियान चलाया जाएगा ताकि भविष्य में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यह पहला मामला नहीं है जब जिले में स्कूली वैन पलटी हो। इससे पहले भी देवगांव कोतवाली क्षेत्र और गंभीरपुर थाना क्षेत्र में कई हादसे हो चुके हैं, जिनमें स्कूली बच्चों के घायल होने की खबरें आई थीं। हालांकि, इन हादसों के बावजूद निजी गाड़ियों में बच्चों को लाने और ले जाने का सिलसिला लगातार जारी है। यह स्थिति बहुत चिंताजनक है, क्योंकि बच्चों की सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है। अब प्रशासन ने इन स्कूलों और निजी गाड़ियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है, ताकि भविष्य में बच्चों की जान को खतरे से बचाया जा सके।
स्कूली वाहनों की खराब स्थिति, लापरवाही और मानक के विपरीत गाड़ियों का इस्तेमाल बच्चों के जीवन को जोखिम में डालता है। प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है और ऐसे स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। इन घटनाओं के बाद बच्चों के माता-पिता भी चिंता में हैं और वे चाहते हैं कि प्रशासन इन मुद्दों पर शीघ्र समाधान निकाले।
इस हादसे के बाद बच्चों के परिजनों का गुस्सा भी स्वाभाविक है, क्योंकि इस प्रकार की घटनाओं से बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित होते हैं। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्कूलों और निजी वाहनों में बच्चों की सुरक्षा के मानक सही तरीके से लागू हों।