सामुदायिक सहभागिता की मिशाल बना बर्रा का प्राथमिक विद्यालय।
बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विद्यालय में चल रही “शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी” में अभिभावकों ने “SOAP-BANK” की स्थापना की।जिसमें सभी नें निर्णय लिया कि वे प्रत्येक महीने विद्यालय को “एक साबुन” दान करेंगे।वे अपने बच्चों के साथ साथ,उनके आस पास उपस्थित सभी बच्चे को साफ सफाई में देखना चाहते हैं।
बच्चों की बीमारी से परेशान अभिभावकों ने,इसे जड़ से खत्म करने की ठानी है।अब कोई भी बच्चा बिना साबुन से हाथ धोये,भोजन नहीं करेगा।
शिक्षक लोकेश राजपूत ने बताया कि,एक साफ सुथरा बच्चा अपनी कक्षा के लिए रोल-मॉडल बन जाता है।जिसे देखकर और भी बच्चे उसकी तरह बनने की कोशिश करते हैं। उन्होंने बताया कि,बच्चे का गन्दा होना ही उसकी पढाई का सबसे बड़ा रोड़ा बन सकता है।
प्रभारी प्रधानाध्यापिका प्रतिमा उपाध्याय ने अभिभावकों को उनके बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति और शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए जागरूक किया।उन्होंने आग्रह किया कि,वे अपने बच्चों का इतना ही ध्यान दें जितना कि,वे अपना बच्चा कान्वेंट स्कूल में भेजते समय ध्यान रखते हैं ।मीना जी,बब्बू सिंह,पंकज सिंह,सुमना राजभर,रहीमुन व अन्य अभिभावक उपस्थित रहे।
“SOAP-BANK” की अनोखी शुरुआत कर इस विद्यालय ने इस अभियान को दी नई दिशा
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