सच्चाई का पैगाम देता है ताजुश्शरिया इस्लाम : बोले सैफुल्लाह अलीमी
हुसैन ने सजदे में सर कटा कर बचाया इस्लाम को : मौलाना कमरुद्दीन
मो एहतशाम जाफ़र
सी आई बी इंडिया न्यूज
कुशीनगर
पडरौना,कुशीनगर। जिले के पडरौना नगर क्षेत्र के अंतर्गत पूर्वांचल में चर्चित गांव बसहिया बनबीरपुर {ताजुश्शरिया चौक} पर सोहदाए कर्बला कान्फ्रेंस जलसा का प्रोग्राम इंनएकात किया गया। कान्फ्रेंस प्रोग्राम में इंटरनेशनल मशहूर ओलमा के अलावे जिले से भी मौलाना व नातखा जलसे में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। जलसे में दूरदराज से काफी संख्या में लोग तशरीफ लाए। बूढ़े बच्चे महिलाएं इस्लामी पैगाम और दीनियात का सर्फ हासिल किया। नातिया मुशायरा को सुनकर जलसे में बैठे दर्शक गुनगुना-झुम उठे।
बताते चलें कि भारत के मशहूर अंतरराष्ट्रीय ओलमा सैफुल्लाह अलीमी कान्फ्रेंस का इंनेकात करते हुए इस्लामी पैगाम मुसलमानों तक पहुंचाया । उन्होंने बताया कि इस्लाम सच्चाई का पैगाम देता है। और ताजुशरिया के हदीस के मुताबिक इस्लाम अकीदतो मोहब्बत के साथ रहने का पैगाम देता है। अलीमी ने बताया कि इस्लाम मे इस्लामी किताब कुरान के अनुसार अल्लाह ताला का फरमान है कि अगर किसी को सच्चाई व ईमानदारी के रास्ते पर चलाना है तो जुल्मों सितम से नहीं बल्कि शराफत व मोहब्बत से पेश आया जाए,एक ना एक दिन वह बंदा जरूर सुधर जाएगा,यही देता है इस्लाम पैगाम।

इसी क्रम में पूर्वांचल में चर्चित कुशीनगर के मौलाना कमरुद्दीन सोहदाए कर्बला करबला कान्फ्रेंस को इस्लामी पैगाम के साथ लोगों से रूबरू होते हुए दीनियात जिक्र किया। इस्लाम दुनिया में हसन हुसैन के जरिए कैसे फैला इसके बारे में भी बताया। मौलाना ने बताया कि इस्लाम को फैलाने के समय जालिमों ने बहुत ज्यादा जुल्मों सितम ढाया लेकिन इस्लामी पैगाम फैलाने वाले मुरीद तमाम सितम सह कर भी इस्लाम को फैलाया,कायम किया। वाक्यां का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि इस्लाम के लिए जब कर्बला में यजीदीओं के साथ इस्लाम के खातिर जंग शुरू हुआ तो उस जंग में इस्लाम बचाने कायम करने के लिए हुजूर पैगंबर मोहम्मद के नवासे एमाम हसन-हुसैन ने उन यजीदियों से जंग करते-करते सजदे में सर कटा दिया इस्लाम के लिए लेकिन हार नहीं माने और इस्लाम के लिए शहीद हो गए। तब जाकर आज इस्लाम का परचम पूरी दुनिया में कायम है।
इस दौरान ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मु० कलीम व गुलामाने ताजुश्शरिया कमेटी के अध्यक्ष, बाबर अली , सोनू , शहबाज , तालीब , फिरोज , अफरोज,, साहेब अली आदि कमेटी सदस्य गढ़ मौजूद रहे ।
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