हरदोई में दैवीय आपदा हेतु सरकार द्वारा की गई आर्थिक मदद में रिश्वतखोरी करना लेखपाल, रजिस्ट्रार कानून-गो व कलेक्ट्रेट के बाबू को महंगा पड़ा। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने उक्त कर्मियों के विरुद्ध भृष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। पीड़ित ने शाहाबाद तहसील में समाधान दिवस के दौरान जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई थी।
दरअसल टोडरपुर ब्लॉक के गांव उधरनपुर मजरा परसई निवासी प्रिंस पुत्र राजाराम ने सम्पूर्ण समाधान दिवस के मौके पर जिलाधिकारी को पत्र देते हुए बताया कि उसकी मां की सर्पदंश से मौत हो गयी थी।सरकार ने दैवीय आपदा के अंतर्गत 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद की थी। जिसमें से 3 लाख 2 हजार रुपये उसने निकाले शेष 80 हजार बचे हैं।आरोप है कि लेखपाल रामप्रताप मिश्र व कलेक्ट्रेट के बाबू अनुराग मिश्र उसके घर आये और आपदा वाली धनराशि से डेढ़ लाख रुपये की मांग की। रुपये न देने की बात पर धन की रिकवरी करा देने की धमकी दी। जब उन्हें रुपये नही दिए गए तो तहसीलदार के निर्देश पर उसके बैंक खाते पर रोंक लगा दी गयी।
बताया कि इसके बाद रजिस्ट्रार कानून अवधेश अवधेश कुमार द्वारा फोन पर कई बार 50 हजार रुपये मांगे। रिश्वत न देने पर धमकी भी दी।पीड़ित ने बताया कि वह बीमार रहता है।पूर्व में 01 मार्च को भी शिकायती पत्र के माध्यम से खाते पर लगी रोंक हटाये जाने की मांग की गई थी।उसका आर्थिक भरण-पोषण नही हो पा रहा है। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम को जांच कर आख्या देने के लिए आदेशित किया साथ उक्त आरोपी कर्मियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 07/12 के तहत मामला पंजीकृत किया गया है।
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