अयोध्या रामघाट क्षेत्र में लगने वाली विश्व की सबसे ऊंची भगवान राम की प्रतिमा के लिए जिस जगह का चयन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। और अयोध्या जिला प्रशासन ने जिसके अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी।अब विवादों के घेरे में आ गई है जिस जगह पर भगवान राम की मूर्ति लगनी थी वहाँ लगभग ढाई सौ घरों की एक रिहायशी कालोनी भी उसी अधिग्रहण की सीमा में आ रही थी जिसको लेकर कॉलोनी के 65 लोगों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुये कहा कि कोई भी जमीन बिना आम अनुमति के नहीं ली जा सकती।सरकार ने अधिग्रहण सम्बन्धी अधिनियम 2013 और 2016 का अनुपालन भी नहीं किया है।
मुख्य याचिका कर्ता अवधेश सिंह ने कहा कि हम भी हिंदू हैं और भगवान राम में हमारी भी आस्था है हम भी चाहते हैं भगवान की प्रतिमा स्थापित हो पर हमारी जिन्दगी भर की पूँजी हमारा घर जबर्दस्ती छीन कर नहीं।या तो भगवान राम की प्रतिमा कहीं भी लगाई जाए या हमारी जमीन और मकान का उचित मुआवजा दिया जाए।आपको बताते चलें कि अयोध्या में भगवान श्रीराम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा लगाने को मुख्यमंत्री योगी के सबसे ड्रीम प्रोजेक्टों में से एक माना जा रहा था जिस पर अब संकट के बादल नजर आने लगे हैं।
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