केंद्र और राज्य सरकारें गरीबों के हित में चाहे जितनी योजनाएं चला रही हों लेकिन वास्तविक पात्रों को अभी भी इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ताज़ा मामला हरदोई जिले का है।यहां बेनीगंज कोतवाली क्षेत्र के बसेन गांव की एक महिला अपने बीमार पति के इलाज के लिए मदद मांग रही है।दो माह पहले सड़क हादसे में घायल पति के इलाज पर सारा पैसा खर्च कर दिया जेवर बेंच दिया और खेत गिरवीं रख दिया लेकिन हालात ठीक नही।महिला मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगा रही है।
ये है बसेन गांव निवासी सुधीर वर्मा का घर।घर देखने वालों को भले ही यह घर न लगे लेकिन बीमार सुधीर का पूरा परिवार इसी के नीचे गुज़र बसर करने को मजबूर है। गरीबी में जीवन जी रहे सुधीर वर्मा पहले मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का गुराजा कर लिया करते थे। लेकिन चार माह पहले एक सड़क हादसे में वह घायल हो गए।जिसके चलते अब वह बिस्तर से ही नहीं उठ पाते हैं।बीमार लोगों के ईलाज के आयुष्मान कार्ड चलाने वाली सरकार सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का बखान करने से भले ही न थक रही हो लेकिन गरीब सुधीर वर्मा को ईलाज के लिए भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बेबस सुधीर की पत्नी सुमन का कहना है कि जेवर बेंचा और खेत गिरवीं रख दिया।जब रुपये खत्म हो गए तो अस्पताल प्रशासन ने इलाज करने से मना कर दिया और गरीब पत्नी अपने घायल पति को घर ले आयी।तब से वह घर पर इलाज के अभाव में जिंदगी मौत की सांसें गिन रहा है अब उसका कोई सहारा नही है पत्नी सुमन पथराई आंखों से किसी के सहारे का इन्तेजार कर रही है।बिस्तर पर पड़े जिंदगी मौत से लड़ रहे सुधीर वर्मा के चार मासूम बेटे हैं जिनका इकलौता सहारा वो खुद थे परंतु समय का ऐसा चक्का घुमा की अब वह खुद ही बेसहारा हो गया है।और अब पत्नी सरकार के नुमाइंदों की ओर आस भारी निग़ाहों से देख रही है।
Total Page Visits: 364 - Today Page Visits: 1