आपको बताते चले कि कुशीनगर जनपद विकास खंड दुदही स्थानीय विकाशखण्ड के ग्रामसभा बांसगांव के टोला खैरवां में बांसफोड़ समुदाय के दर्जनों घरों की बस्ती है,जो आज भी विकास के तमाम सरकारी दावे को आइना दिखाने का काम कर रहा है।बात चाहे स्वच्छता मिशन की हो,ओडीएफ घोषित करने की कागजी होड़ ने कागज मे शौचालय निर्माण के लक्ष्य को पुरा करने और वाहवाही लूटने का शौक रखनेवाले अधिकारियों को भले ही संतुष्ट कर दिया है किंतु हकीकत वास्तव मे दुसरी है।करीब बीस घरों का यह टोला डोम टोली के नाम से आस पास के गांवों मे जाना जाता है, आज भी पेयजल के लिए खेंचुवा पम्प पर निर्भर है और यह हैंडपंप भी ऐसी जगह पर है जहां महीनों तक जलजमाव रहता है।पिछले साल मार्च मे एक सामाजिक संगठन की ओर से आयोजित चौपाल में खंड विकास अधिकारी के प्रतिनिधि के रूप मे तत्कालीन आईएसबी प्रमोद कुमार उपस्थित थे और उन्होंने तत्कालीन सचिव को अविलंब शौचालय निर्माण और पेयजल आपूर्ति का प्रबंध करने का आदेश दिया था पर साल डेढ़ साल बाद भी शौचालय निर्माण कार्य अधुरा है और इन किस्मत के मारों का नसीब ही ऐसा है कि वर्ष के तमाम महीनों मे जलजमाव का सामना करना पड़ता है।इस समस्या के समाधान के लिए युवा शक्ति संगठन,दुदही के पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीपीआरओ, कुशीनगर को संबोधित ज्ञापन स्वच्छता निदेशक नंदू मिश्रा को सौंप कर शीघ्रातिशीघ्र कार्रवाई की मांग की।ज्ञापन मे नाली निर्माण, अधुरे शौचालय निर्माण को पुरा किया जाना, इंटरलाकिंग, इंडिया मार्का पंप, समेत आठ मांगे रखी गई हैं।इस अवसर पर संगठन के संयोजक मनोज कुंदन, मीडिया प्रभारी सुनील यशराज, सहायता प्रमुख पुष्पेंद्र, संपर्क प्रमुख मनोज शर्मा, कार्यकारिणी सदस्य छोटेलाल आदि मौजूद रहे।
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