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प्रयागराज संगम की रेती पर लगे माघ मेले में मोनी अमावस्या का तीसरा स्नान पर्व
देश दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला प्रयागराज में लगा है संगम की रेती पर 10 जनवरी से माघ मेले का आगाज हुआ था आज माघ मेले का तीसरा स्नान पर्व मौनी अमावस्या का है
जहां पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए मोक्ष प्राप्ति के लिए गंगा यमुना अदृश्य सरस्वती में लगाने के लिए संगम पहुंच रहे हैं सुबह से ही श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ है।
हिंदू धर्म के मान्यताओं के अनुसार आज के दिन मौन रखकर स्नान करना और स्नान के बाद दान देना बहुत बड़ा महत्व माना जाता है। अभी तक संगम मेले के गंगा यमुना अदृश्य सरस्वती में लगभग एक करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई मानव के संगम की रेती में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा हो लगातार श्रद्धालुओं का आगमन अभी भी जारी रहा प्रशासन का अनुमान है कि शाम तक लगभग दो करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे।
वहीं माघ मेला में आए हुए सभी श्रद्धालुओ पर पुष्प वर्षा भी की गई।
ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था की बात की जाए तो पूरे माघ मेला क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया है 8 किलोमीटर में फैले माघ मेले में 13 थाने 38 चौकियां बनाई गई है सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एटीएस, ब्लैक कमांडो, आरपीएफ, पीएससी, जेल पुलिस, एन डी आर एफ, और उच्चाधिकारी लगातार मेला क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे हैं जिस से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा का सामना ना करना पड़े भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने कई रोड को वनवे कर दिया और कई रोड को डायवर्जन कर दिया ।