जामिया उस्मानिया गर्ल्स इंटर कॉलेज दूदही में *जुमेरात* की रात को आल इंडिया मुशायरे का आयोजन किया गया। इसमें अलग-अलग जगहों से आए शायरों गजल एवं शायरी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
आपको बताते चले कि कुशीनगर जनपद में भारतीय अल्पसंख्यक महासभा लोगों ने इंतजामिया कमेटी और शायरों के शाल देकर सम्मानित किया
कार्यक्रम की शुरूआत गोरखपुर से आए कामलूद्दीन कमाल की शायरी दुनिया की हर खुशी को हमारा सलाम है, हमको तो बस रसूल की चौखट से काम है से हुई। इलाहाबादअशफाक देवरियावी के ने गजल में कहा इतना बेजान हूं एहसास के मारों की तरह, फूल चुभते हैं मेरे जिस्म में खारों की तरह। अबास वारसी ने कहा कि मोहब्बत का वो नाजुक सा जमाना याद आता है, मेरा रूठना उसका मनाना याद आता है। कवि खरगोश ने कहा कि बहुत दिन तक न मिलने से तालुक्क मर भी जाता है। नूरीपरवीन कानपुरी ने कहा कि मेरे मालिक रोक दे, अब तो नफरत के तूफान को, जाने किस की नजर लगी मेरे हिंदुस्तान को। इस मौके पर और शायरों ने गजल और शायरी पेश की। भारतीय अल्पसंख्यक महासभा के जिलाअध्यक्ष सफीउल्लाह अंसारी आलमगीर खान ईoअहमद रजा नौशाद खान रफिद्दीन सिद्दीक़ी सलामुद्दीन अंसारी बबलू अली अबरार खान शेरू खान बबलू खान ने शायरों और अतिथियों को सम्मानित किया। अध्यक्षता असलम फारूकी ने की। मुशायरे का उद्घाटन भारतीय अल्पसंख्यक महा सभा के जिला अध्यक्ष सफीउल्लाह अंसारी ने किया ने किया। मुख्य अतिथि आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लेमीन नेता मोहम्मद इरफान फारूकी थे। इस मौके पर अबरार अहमद, ।मोहम्मद अमजद, जावेद इक़बाल, करीम जहाँ खान, मोहम्मद नईम, मोहम्मद नसीम बरकाती, आबेज अली, सईद सलमानी, गुफरान कुरैशी, जीशान, नावेद, सोहेल, आदिल, अल्जेब, इंतजार हुसैन अन्य और लोग मौजूद रहे मौजूद थे।*
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