रिपोर्ट मो0 शकेब अंसारी
आज़मगढ़ जनपद के मुबारकपुर के मोहला नेवादा स्थित शहीदे आज़म कांफ्रेंस का आयोजन किया गया, इस कांफ्रेंस से लाखों लोगों की भीड़ जमा थी,बता दें कि मोहर्रम के महीने में ज़िक्र शोहदाए कर्बला की याद में जगह-जगह जलसा होता है, इसी क्रम सुन्नी दावते इस्लामी मालेगांव महाराष्ट्र के संस्थापक इस्लाम धर्म गुरु #सय्यद मौलाना अमीनुल कादरी भी मुबारकपुर पहुंचे, उन्होंने अपने संबोधन में कहां की इस्लाम मे शराब पीना, गाली देना,किसी की बुराई करना हरगिज़ मना है , उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इमामे हुसैन ने कर्बला में अल्लाह का दीन बचाया है,तथा यज़ीद के नज़रियात के खिलाफ उठकर खड़े हुए हैं, आगे उन्होंने ने दहशतगर्दी के सवाल पर कहा कि ये प्रोपेगंडा हर दौर में रहा है, इस समय भी है, इस्लाम से दहशतगर्दी से कोई संबंध नहीं है,यह बात वर्षों से कहीं जा रही है, और आज भी कही जा रही है,आगे कहा कि जैसे ज़मीन और आसमान एक नहीं हो सकता ,रात और दिन एक साथ नहीं हो सकते,बदबू और खुशबू एक जगह जमा नहीं हो सकता, उसी तरह इस्लाम और दहशतगर्दी भी एक जगह नहीं हो सकती,जो लोग इस्लाम से दहशतगर्दी से जोड़ते हैं वह भी जानते हैं कि इस्लाम से दहशतगर्द से कोई संबंध नहीं है, उन्होंने ने कहा कि जो मज़हब वज़ू में ज़्यादा पानी खर्च करने की इजाज़त नहीं देता, वह इंसानो के खून को बहाने की इजाज़त कैसे दे सकता है, ये शरारती लोग हैं,जो बदनाम कर रहें, उन लोगों से बच कर रहना चाहिए,तथा देश मे अमन चैन के लिए दुआ माँगी।
आज़मगढ़ : इस्लाम से दहशतगर्दी का कोई संबंध नहीं
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