पुरवा से अनुसूचित जाति के लोगों को जबरन निकालने का षड़यंत्र रच रहे दबंग
– पीड़ितों ने कलेक्ट्रेट पहुंच डीएम को सौंपा शिकायती पत्र
फतेहपुर। बिन्दकी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम कोरवा के रहने वाले अनुसूचित जाति के लोगों ने भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र सौंपा। जिसमें बताया गया कि उन सभी को एक समुदाय विशेष के दबंग पुरवा से जबरन निकाले जाने का षड़यंत्र रच रहे हैं। उन्हें तरह-तरह से परेशान कर धममियां दी जा रही हैं। पीड़ितों ने मामले की जांच कराकर दबंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किये जाने की मांग की।
जिलाधिकारी को दिये गये शिकायती पत्र में ग्राम कोरवा के अनुसूचित जाति के लोगों ने बताया कि गांव एक समुदाय विशेष बाहुल्य है। लगभग 150 वर्ष पहले जमीदारी समय में समुदाय विशेष ने बुजुर्गों को अछूत मानकर गांव से बाहर बसाने का दबाव बनाया था। सभी ने मिलकर गांव से लगभग 500 मीटर दूर परती भूमि या मकान बनवाने का दबाव डाला था। बुजुर्ग गरीब व सीधे-साधे थे। जो ग्राम कोरवां छोड़कर परती भूमि पर झोपड़ियां डालकर आबाद हुए। फिर धीरे-धीरे सभी ने कच्चे मकान बनाये तथा पीने के पानी के लिए बुजुर्गों ने एक कुआं भी खोदा। धीरे-धीरे लोगों ने अपने-अपने दरवाजे में छाया हेतु नीम के पेड़ भी लगाये। बुजुर्गों द्वारा लगाये गये नीम के पेड़ों में पांच पेड़ अब भी खड़े हैं। जो मोटे हैं तथा कई पेड़ लोगों ने काटकर मकानों की छत में लगा दिये। बताया कि बुजुर्ग जो ग्राम कोरवां के अपने मूल रिहायशी मकान छोड़कर नये पुरवा (मोहम्मद पुरवा) में चले गये उनको झल्लू खां व कमाल खां आदि लोगों ने ध्वस्त कराकर अपने कब्जे में ले लिया। जिन लोगों ने अपनी जमीन खुशी से दी थी उन्होने बुजुर्गों को कभी परेशान नहीं किया तथा उनके मरने के बाद उनके लड़कों ने कभी कोई ऐतराज नही किया। लेकिन अब उनके नाती-पोते अनुसूचित जाति के बच्चों व महिलाओं के आने-जाने का रास्ता खत्म कर दिया ताकि पुरवा छोड़कर चले जायें। अब भेड़ों से निकलने पर गाली-गलौज करने लगे हैं। बताया कि वह भारतीय किसान यूनियन संगठन के सदस्य भी हैं। बताया कि समुदाय विशेष के आतंक से तंग आकर दस माह पहले विशाल किसान पंचायत का आयोजन किया गया था। जिसमें तहसील के उप जिलाधिकारी व ब्लाक खजुहा के सभी अधिकारी पहुंचे थे। रास्ता सुरक्षित करने का आश्वासन भी दिया था लेकिन आज तक कोई रास्ता नहीं बना। बताया कि लगभग एक सैकड़ा दबंग सभी हरिजनों के 16 या 17 मकानों व नीम के पेड़ों व कुआं आदि सभी को अपने द्वारा तामीर बताकर गांव से भगाने की धमकी देकर गाली-गलौज कर रहे हैं। रास्ते से निकलने पर जाति सूचक गालियां भी देते हैं। जिससे पूरे गांव मोहम्मदपुरवा भयभीत है। अनुसूचित जाति के लोगों ने ममाले की जांच कराकर दबंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किये जाने की मांग की। इस मौके पर जयकरन, सुरेश, चन्द्रपाल, अरविन्द, चुन्नीलाल, रामराज, सुरेश, सुरेन्द्र, महेश, रज्जन, दिनेश, छोटकू, कमलेश, मंगली, चुन्नीलाल, राकेश, लखन आदि मौजूद रहे।